चमत्कारिक वीर साधना Chamatkarik Veer Sadhana

चमत्कारिक वीर साधना Chamatkarik Veer Sadhana


आप लोगो ने ऐसे कई साधको को देखा या सुना होगा जो किसी भी सवाल का जबाब जानने के लिये कोरे कागज को हवा मे लहराते है और सवाल का जबाब कोरे कागज पर लिखकर आ जाता है


सवाल का जबाब कोरे कागज पर स्वंय लिखकर आजाता है

ये एक बहुत ही प्राचीन विद्या है
जिसके माध्यम से हम किसी के बारे मे जान लेते है
कैसे भी सवाल का जबाब तुरन्त लिखकर आ जाता है
रोगो बीमारी परेशानी आदि का पता चल जाता है
किसी के पितर नाराज है या  किसी ने कुछ किया कराया है सब जाना जाता है

आज भारत से ऐसी विद्याओ का लोप होता जा रहा है

यै बहुत ही चमत्कारिक साधना है

इसमे किसी बीर को सिद्ध किया जाता है
जो सवाल का  जबाब कोरे कागज पर लिखकर देता है


साधना विधि


किसी सुनसान जगह पर जाकर , किसी उजाड मे , खण्डहर मे जाकर ये साधना करना ज्यादा उचित है
ये सब ना मिले तो घर के किसी एकांत कमरे मे जिसमे कोई भी आये जाये नही
उसमे करलेना चाहिये


काले कपडे पहन कर काले आसन पर दक्षिण मुखी होकर बैठे
ये साधना किसी भी माह की पूर्णिमा या अमावस्या से शुरू करे
या शनिवार से शुरू करे

रात्रिकाल 11के  बाद साधना सुरू करना है

अपने सामने एक कॉपी पेन किसी थाली मे ऱखना है

सबसे पहलै गुरू गणेश इष्ट कुलदेव पितर स्थान देव का पूजन दें


माता हिंगलाज की फोटो सामने किसी थाल मे रखे
और उसकी पंचोपचार पूजा दें
माता से वीर सिध्ध होने की प्रार्थना करें


फिर वीरेश्वर का पूजन दें
और वीर सिद्ध करवाने की प्रार्थना करे।


फिर वीर का आवाहन करें

बैठने के लिये स्थान दे आसन दें
वीर का पूजन दें
धूप दीप मिठाई चंदन
इत्र चावल जल
पुष्प
इनसे पूजा दे

तिल के तेल का दीपक जलाना है

मंत्र साबरी है थोडा बढा है मंत्र का दो माला का जाप करना है


साधना मे सुरक्षा चक्र लगाना अनिवार्य है

जाप के समय कुछ अनुभव हो तो डरे नही हिम्मत से काम लें
वेसे ज्यादा डरावने अनुभव नही होते फिर भी साधक को निडर होना चाहिये

ये साधना लगातार चालीस दिन तक करनी चाहिये
और वीर से बोलना चाहिये कि आकर मेरे सवालो का जबाब कागज पर लिखकर दो
 जाप के बाद नित्य किसी सवाल को बोलकर कागज को हवा मे लहराना चाहिये

जिस दिन जबाब लिखकर आ जाये तो साधना सफल समझनी चाहिये

साधना के दौरान या अन्तिम दिन वीर यदि प्रत्यक्ष हो जाता है तो डरे नही
बातचीत करके वचन लेले कि सवाल का जबाब लिखकर दोगे

इस साधना मे वीर का प्रत्यक्ष होना आवश्यक नही है
अप्रत्यक्ष रूप से भी ये वीर काम करते है
सामने आने पर मॉगने पर मिठाई का भोग दें


वीरो से सदैव लोकउपकार के कार्य ही कराने चाहिये
स्वार्थ वश या चमत्कार दिखाने मे प्रयोग करने से बचना चाहिये


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