दान का महत्व /Dan Ka Mehtav


आज मे आप लोगो को दान के बारे मे जानकारी दे रहा हू कि दान कैसे करना चाहिये
क्यो करना चाहिये
किसे करना चाहिए



हम लोग यदि किसी को दान करते है तोउस दान का हमें कुछ पुन्य प्राप्त होता है
दान का सबसे बेहतर तरीका यही है कि जो वस्तु हम दान करना चाहते है उसके निमित्त संकल्प लिया जाये बिना संकल्प के दान करना बेकार है

संकल्प मे साफ साफ ये बताइये कि ये वस्तु किसके निमित्त दान की जा रही है और इसका क्या फल चाहिये और कब और किसको चाहिये

मान लीजिये कि आपने दो किलो गैहू को दान कर दिया बिना संकल्प तो इससे पुन्य तो मिलेगा लेकिन इसका फल कब मिलेगा किसे मिलेगा ये निश्चित नही है
 तो हो सकता है कि इस दान के बदले वो तुमे , या पत्नी को या बच्चो को इसका फल दें

अब मान लीजिये कि आपने अपने पितरो को कपडे देने है तो संकल्प करके किसी भी इंसान को कपडे दे दीजिये आपके पितर जिसके नाम से संकल्प लिया है वो तुरन्त दान होते ही कपडे पहन लेते है

स्त्री की साडी वगैरह किसी स्त्री को ही भेंट दी जानी चाहिये



दान आप चाहे जिसे दे सकते है जरूरत मंद को दान करना ज्यादा बेहतर है

घर मे कोई बीमार है उसे ठीक करने हेतु सूर्य को गैहू का  दान कर रहे हैं तो संकल्प बोलिये कि मे अमुक के स्वास्थ के लिये ये दान सूर्य को कर रहा हू
अमुक को जल्दी से लाभ हो

ये कह कर जब दान करोगे तो वह दान सीधा सूर्य देव को प्राप्त होगा और वो उस मरीज को  जल्दी स्वस्थ करेगें

दान ज्यादर ब्राह्मण को किया जाता है
लेकिन आप किसी भी अन्य जाति को भी दान कर सकते है इससे भी आपको दान का पूरा पूरा फल मिलता है

उग्र कर्म , उग्र ग्रहो का दान मेहतरो को करना बेहतर होता है

 दान की गयी वस्तु तुरन्त , दान किये गये देव को प्राप्त हो जाती है
ज्यो की त्यो

हमे अपने जीवन मे हमेशा दान करते रहना चाहिये खास तौर पर पितरो के निमित्त दान करते रहना चाहिये घर की रोज मर्रा की वस्तु , कपडे , खाने पीने की वस्तु ,

 खाना हमेशा बना बनाया ही दान करना ज्यादा बेहतर होता है जैसे खीर पूडी फल आदि दान करना ज्यादा बेहतर होता है

घर मे पितर दोष होने पर पितरो के निमित्त वस्तुये , कपडे खाने  पीने की वस्तु दान करने पर निश्चित रूप पर तुरन्त लाभ मिलता है

कई लोगो के पितर बिना कपडो के नंगे ही घूमते रहते है येसे मे उने कपडे दान करने पर उने शान्ति मिलती है

कपडे हमेशा सिले सिलाये दान करने चाहिये बिना सिले कपडे दान करने पर वो उने पहन नही पाते वो उनके पास रखे रह जाते है

देवियो के निमित्त श्रंगार की वस्तु दान करने पर अच्छा फल मिलता है
उनको साडी वगैरह दान करनी है तो ये वस्तु हमेशा किसी गरीब को दान करनी चाहिये

ताकि एक तीर से दो निशाने लगें वस्तु को दान करने पर वस्तु के सूक्ष्म रूप को पाकर देव पितर प्रसन्न होते है
और वस्तु   को पाकर गरीब की जरूरत पूरी होती है वो भी दुआ देता है

जिससे भला होता है जरूरत मंद को जरूरत की वस्तु दान करने पर बहुत अधिक शुभ फल प्राप्त होता है

आप प्रेतो , यक्षो , यक्षणी , योगिनी , अप्सरा , जिन्नो , पीरो फकीरों ,  अपने पितरो , नव ग्रहो , किसी भी देव देवी , इस्ट देव , कुलदेव कुलदेवी के निमित्त दान कर सकते

दान की वस्तु पाकर देव धन्य होते है और दानी को आशिर्वाद देते है जिससे उसके संसारिक कार्य सही रूप से निर्विघ्न पूर्ण होते है अतएव हम सबको जब जितना जो बन सके दान अवश्य करना चाहिये

आप सभी को दान करने का महत्व समझ मे आ गया होगा

विशेष तिथि यो मे दान करने पर अधिक पुन्य की प्राप्ति होती है

जरूरी नही आपके पास लाखो रूपये हो तभी दान करोगे

आप गुरू के पास रहकर उनकी सेवा कर सकते हो
उनके आश्रम का ,घर के कार्यो मे हाथ बटा सकते हो



गुरू को दिये दान का अनन्त गुना फल होता है

किसी मन्दिर मे जाकर सेवा कर सकते हो
झाडू वगैरह लगा कर सेवा दे सकते हो

किसी धार्मिक अनुष्ठान मे जाकर श्रम दान कर सकते हो

किसी जीव को , पंछी को ,मछलियों को ,चीटियो को चारा पानी देकर भी आसानी से पुन्य कमाया जा सकता है

तो बहाने मत बनाइये कि मेरे पास देने के लिये कुछ नही है
हर मनुष्य यदि देना चाहे तो उसके पास बहुत होता है

हॉ देना ना चाहे तो अलग बात है


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