ख्वाजा पीर साधना
ख्वाजा पीर मुस्लिम धर्म में महत्वपूर्ण माने जाते हैं। उन्हें जल का पीर कहा जाता है, क्योंकि उनका स्थान जल में माना गया है। ख्वाजा पीर की साधना भी जल में ही की जाती है। वे एक प्रकार के आध्यात्मिक गुरु होते हैं जो अपने शिष्यों को आत्मा के मार्ग पर चलने के लिए मार्गदर्शन करते हैं। ख्वाजा पीर के बारे में अधिक जानकारी के लिए आप उनके जीवन और उपदेशों के बारे में अध्ययन कर सकते हैं।
ये साधना शुक्रवार को रात दस बजे से सुरू करो
नहा धोकर
हरे आसन पर सफेद वस्त्र पहन कर पश्चिम मुख होकर बैठे
सामने पॉच सरसो के तेल के दीपक जला लें
पॉच अगरबत्ती लगा लें
लोभान सुलगा लें
सबसे पहले गुरू पूजन करे
फिर इस्ट का पूजन दें
उसके बाद मोहम्मद साहब का पूजन दें
फिर ख्वाजा जी का पूजन दें
इत्र गुलाब का फूल चडाये
पॉच लड्डू का नित्य भोग दें
तसबी माला पर
मंत्र का 1111बार जाप करें
बाये हाथ से
जाप के दौरान अनुभव होते है
डरावने नही होते
लेकिन फिर भी जाप से पहले सुरक्षा घेरा खींच लें
लगातार चालीस दिन साधना करें तो ख्वाजा जी सामने आकर दरसन देते है
और 21 दिन तक करने पर कृपा मिलती है
सारे कार्य सिद्ध होते
इनकी साधना मे प्याज लहसुन खाना बन्द कर देना चाहिये
ब्रह्मचर्य रखना है
पाक साफ रहना है
इस्तजा करना है
और सभी मुस्लिम नियम पालन करने है
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महाकाली तंत्र शक्ति साधना केन्द्र
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