मधुमती योगिनी साधना



प्रति पदा तिथि से ये साधना शुरू की जाती है
किसी भोजपत्र पर देवी की आकृति बना कर पूजन करे


योगिनी का पत्नी रूप मे ध्यान पूजन करना है

प्रात दोपहर और संध्याकाल मे पूजन ध्यान करें
और एक एक हजार का जाप करें तीनो संध्या में

देवी का पंचोपचार पूजन करें

तीसवें दिन अखण्ड दीपक जलाये

देवी के दर्शन देने पर पत्नी रूप मे सिद्ध होने का वचन लेले

दीपक घी का जलाना
उत्तर मुख होकर जाप करना है
माला रूद्राक्ष की ले लेना
कम्बल के आसन पर बैठकर जाप करना है


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