अश्विनी कुमार साधना /Ashwani Kumar Sadhna

नासत्य और दस्त्र साधना




आप लोगो ने सूर्य के पुत्र दो अश्वनी कुमारो के बारे मे शास्त्रो मे पढा होगा, इनके नाम थे नासत्य और दस्त्र। 

अश्विन कुमार, हिन्दू धर्म में सूर्य पुत्रों के रूप में वर्णित हैं। यह सूर्य पुत्रों के रूप में पूजे जाते हैं। 
सुर्य पुत्र अस्वीनि कुमार की साधना से अनेक लाभ होते हैं। अश्विनी कुमार आयुर्वेद के आदि आचार्य और देवताओं के वैद्य माने जाते हैं। 

शास्त्रों में इस बात का उल्लेख मिलता है कि अश्विन कुमारों को आयुर्वेद का सर्वोच्च ज्ञान है और जो भी व्यक्ति इनकी पूजा-अर्चना करता है उसे बीमारियों से छुटकारा मिल सकता है। उनकी साधना से रोग, शारीरिक और मानसिक दुर्बलता, अशुभ ग्रह प्रभाव आदि से भी मुक्ति मिलती है। उनकी साधना से आरोग्य, शक्ति, बुद्धि, यश, कीर्ति, धन, सुख, संतान आदि की प्राप्ति होती है।

अश्विनी कुमार साधना /Ashwani Kumar Sadhna


अश्विन कुमार की साधना से होने वाले लाभों में निम्नलिखित शामिल हैं:

  • आयुर्वेदिक ज्ञान: अश्विन कुमारों को आयुर्वेद का सर्वोच्च ज्ञान प्राप्त है। उनकी साधना से व्यक्ति को आयुर्वेदिक ज्ञान प्राप्त होता है। इससे व्यक्ति स्वयं ही अपने ओर दुसरे का रोगों का इलाज कर सकता है।
  • सौंदर्य और आकर्षण: अश्विन कुमारों को सौंदर्य और आकर्षण के देवता भी माना जाता है। उनकी साधना से व्यक्ति का सौंदर्य और आकर्षण बढ़ सकता है।
  • सफलता और धन-धान्य: अश्विन कुमारों की साधना से व्यक्ति को सफलता और धन-धान्य की प्राप्ति होती है।
  • रोगों से मुक्ति: रोगों से मुक्ति: अश्विन कुमार देवताओं के चिकित्सक हैं। उनकी साधना करने से सभी प्रकार के रोगों से मुक्ति मिल सकती है। इनकी साधना से गंभीर से गंभीर बीमारियों से भी मुक्ति मिल सकती है। ऋग्वेद के बर्णन अनुसार, अश्विन कुमारों के मंत्र जाप से अस्थमा, दमा, कैंसर, हृदय रोग, मधुमेह जैसे गंभीर बीमारियों से भी छुटकारा मिल सकता है। 
  • पौरुष शक्ति: अश्विन कुमारों को पौरुष शक्ति के देवता माना जाता है। उनकी साधना करने से व्यक्ति में पौरुष शक्ति बढ़ती है।


अश्विन कुमार की साधना करने के लिए किसी योग्य गुरु से दीक्षा लेना आवश्यक है। साधना के दौरान नियमों का पालन करना भी आवश्यक है। अश्विन कुमार की साधना से व्यक्ति को शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक लाभ मिल सकते हैं।अश्विन कुमार की साधना करने के लिए किसी योग्य गुरु की देखरेख में ही करनी चाहिए।

अस्वीनि कुमार एक नहीं, बल्कि दो देवता हैं, जिन्हें अश्विनी कुमार या अश्विनौ के नाम से भी जाना जाता है। ये सूर्य देवता के पुत्र हैं, जिनकी माता संज्ञा देवी है। ये आयुर्वेद के आदि आचार्य और देवों के वैद्य माने जाते हैं। ये युवा, सुन्दर और घोड़ों या पक्षियों से जुते हुए सोने के रथ पर चढ़कर आकाश में निकलते हैं।


ये आयुर्वेद के प्रख्यात आचार्य है
ये आधे मनुष्य और आधे घोडे के रूप मे है
इनका नीचे का धड मनुष्य का और सिर घोडे का होता है

यदि मनुष्य इने सिद्ध करले तो वो आयुर्वेद का प्रख्यात आचार्य बन सकता है

बडी से बडी बीमारी जैसे कैंसर एड्स जैसी बीमारी को चुटकी मे ठीक कर सकता है ।

आगे आप खुद समझदार है ।।।

अश्विनी कुमार साधना /Ashwani Kumar Sadhna



साधना विधि

ये साधना पूर्णिमा की प्रातकाल चार बजे सुरू करनी है

पूरब मुख होकर बैठकर करनी है

सफेद वस्त्र पहन कर करे


सामने अश्वनी कुमारो के फोटो को फ्रेम करवा कर स्थापित करें

सबसे पहले गुरू गनेश इष्ट कुलदेव पितरो स्थानदेव इन्द्र सूर्य भगवान का पूजन करें
गन्धर्व राज तुम्बरू का पूजन करें


सबसे साधना मे सफलता का आशिर्वाद लें

दोनो अश्वनी कुमारो का नाम लेकर आवाहन करें
नासत्य और दस्त्र के नाम से


दोनो को पंचोपचार पूजन दें
घी का दीपक लगाये
गुलाब के , चमेली के जो मिल जाये सुगन्धित पुष्प दें

इत्र दें
मिठाई का भोग दें पानी दें

दिन मे जाकर नित्य किसी घोडे को चारा दाना खिलाकर आये


फिर रूद्राक्ष की माला से एक माला गुरू मंत्र करें

फिर 21 माला का जाप करें

जाप के बाद छमा मॉगे


वही कमरे मे ही जमीन पर सोयें


येसा नित्य 31 दिन करने पर अन्तिम दिन दोनो अश्वनी कुमार सामने आते है
उनसे हमेशा साथ रहकर आयुर्वेद मे मदद करने का वचन मॉग लें


इसके बाद तुम एक सफल चिकत्सक बन जाओगे



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